आप रेडियो स्टेशन और टेलीविजन चैनल में ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कैसे बन सकते हैं?
क्या है ब्रॉडकास्टिंग मास कम्युनिकेशन (What is Broadcasting Mass Communication in Hindi)
ब्रॉडकास्टिंग मास कम्युनिकेशन यानी प्रसारण जनसंचार का ऐसा साधन होता है, जो ऑडियो और वीडियो सामग्री को रेडियो तरंगों के माध्यम से प्रसारित करने में सहायता करता है। टेलीविजन और रेडियो दोनों ऐसा ही प्रमुख माध्यम है जिसके जरिये हम अपने विचार या कोई प्रोग्राम को जन-जन तक प्रसारित करते है। जिसमें ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम का उपयोग होता है। कोई भी प्रोग्राम जो हम टीवी पर देखते हैं या रेडियो पर सुनते हैं, वह यूजर तक प्रसारित करने से पहले कई चरणों जैसे - ऑडियो या वीडियो को एक्विजिशन, प्रोडक्शन, ट्रांसमिशन और रिसेप्शन आदि से होकर गुजरता है। प्रोग्राम के प्रस्तुतीकरण की प्रक्रिया में कई प्रकार के इलेट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग होता है। देश में स्थापित चैनल/ नयें चैनल के विस्तारण से एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री रेडियों चैनल और टीवी चैनल में ब्रॉडकास्टिंग इंजीनियर में कैरियर के नए विकल्प खुले हैं। आगे जाने विस्तार से ;
ब्रॉडकास्टिंग मास कम्युनिकेशन यानी प्रसारण जनसंचार का ऐसा साधन होता है, जो ऑडियो और वीडियो सामग्री को रेडियो तरंगों के माध्यम से प्रसारित करने में सहायता करता है। टेलीविजन और रेडियो दोनों ऐसा ही प्रमुख माध्यम है जिसके जरिये हम अपने विचार या कोई प्रोग्राम को जन-जन तक प्रसारित करते है। जिसमें ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम का उपयोग होता है। कोई भी प्रोग्राम जो हम टीवी पर देखते हैं या रेडियो पर सुनते हैं, वह यूजर तक प्रसारित करने से पहले कई चरणों जैसे - ऑडियो या वीडियो को एक्विजिशन, प्रोडक्शन, ट्रांसमिशन और रिसेप्शन आदि से होकर गुजरता है। प्रोग्राम के प्रस्तुतीकरण की प्रक्रिया में कई प्रकार के इलेट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग होता है। देश में स्थापित चैनल/ नयें चैनल के विस्तारण से एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री रेडियों चैनल और टीवी चैनल में ब्रॉडकास्टिंग इंजीनियर में कैरियर के नए विकल्प खुले हैं। आगे जाने विस्तार से ;
ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का ही एक भाग होता है। जिसमें रेडियो और टेलीविजन में ब्रॉडकास्टिंग से संबंधित उपकरणों, सिग्नल स्ट्रेंथ, कलर और आवाज इत्यादि के तकनिकी शिक्षा शामिल होते हैं। इंजीनियरिंग के कई स्ट्रीम जैसे इलेक्ट्रिकल, इलेट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन, कंप्यूटर इंजीनियरिंग, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और ऑडियो इंजीनियरिंग के कुछ विषय ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग में शामिल हैं।ब्रॉडकास्ट इंजीनियर का कार्य लाइव टेलीकास्ट या किसी भी अन्य प्रकार के टेलीकास्ट की तकनीकी व्यवस्था को ठीक रखना होता है। ये प्रोफेशनल्स प्रोग्राम में उपयोग होने वाले इलेट्रॉनिक उपकरणों को इंस्टॉल, टेस्ट, ऑपरेट और रिपेयर करने का कार्य करते हैं। इसके अलावा ये मोशन पिक्चर्स के लिए साउंडट्रैक बनाने और लाइव इवेंट में साउंड ऑपरेट करने का काम भी करते हैं। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के दो प्रमुख क्षेत्र रेडियो फ्रिक्वेंसी इंजीनियरिंग और ऑडियो इंजीनियरिंग भी इसका प्रमुख हिस्सा हैं। बैचलर डिग्री में कोर्स करके इस फिल्ड में एंट्री ले सकते हैं।
योग्यता
छात्र फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्य से 12 वीं करने के बाद इस
क्षेत्र से संबंधित कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। हालांकि, ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग के कोर्स बैचलर स्तर पर मौजूद नहीं हैं। इस स्ट्रीम में स्पेशलाइजेशन हासिल करने के लिए छात्र
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इलेट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन या कंप्यूटर इंजीनियरिंग से बैचलर
डिग्री करने के बाद इसके पीजी कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। अधिकांश कॉलेज में उपरोक्त स्ट्रीम के बैचलर डिग्री
कोर्स में प्रवेश जेईई परीक्षा में पास स्कोरिंग के आधार पर होता है। इसके अलावा छात्र इस कोर्स में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट
कोर्स में भी प्रवेश ले सकते हैं।
ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग के प्रोफेशनल रेडियो स्टेशन या टेलीविजन चैनल में ब्रॉडकास्टिंग इंजीनियरिंग, ब्रॉडकास्ट डिजाइन इंजीनियर, ब्रॉडकास्ट सिस्टम इंजीनियर, ब्रॉडकास्ट आईटी सिस्टम इंजीनियर के पद पर नौकरी कर सकते हैं। एंटरटेनमेंट कंपनियों में भी नौकरी के अवसर हैं।
कमाई
शुरुआत में आपको 15 हजार से 20 हजार रुपए तक का मासिक सैलरी तक पैकेज मिल सकता है। एक या दो वर्ष के अनुभव के बाद सैलरी पैकेज 25 हजार रु. प्रति माह और 5 से 8 वर्ष के अनुभव के बाद सालाना पैकेज 6 से 10 लाख रुपये तक मिल सकता है।
प्रमुख संस्थान
१. सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया एंड कम्युनिकेशन, पुणे
www.simc.edu/
२. ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग सोसायटी, दिल्ली
www.besindia.com/
३. इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट, मेरठ
www.indiafilmmandtelevisioninstitute.com/
४. जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी, दिल्ली
www.jmi.ac.in/
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