कैसे आप बना सकते है कानून के क्षेत्र में बेहतर कैरियर
कानून के क्षेत्र में कैरियर
आर्थिक, राजनितिक और सामाजिक समेत लगभग हर क्षेत्र को कानूनी मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। इस कारण से एक अच्छे पेशे के रूप में कानून की हमेशा से मांग रही है। कह सकते हैं कि किसी का भी काम कानून के पेशेवरों के बिना नहीं चलता। यदि आप भी कानून के क्षेत्र में पेशेवर वकील के तौर पर कैरियर आगे बढ़ाने की चाहत रखते हैं, तो पहले क्लैट परीक्षा पास करनी होगी। इस परीक्षा में सफल होने के बाद आप देश के प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज या विश्वविधालय में प्रवेश पाकर कानून के क्षेत्र में एक बेहतर भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकते हैं। प्रतिष्ठा और कमाई के लिये एक बेहतर कैरियर विकल्प होने के साथ-साथ कानून एक साहसिक और रोमांचक कैरियर है। महात्मा गांधी से लेकर बराक ओबामा तक, शख्सियतों की लंबी फेहरिस्त देखी जा सकती है, जिन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत कानून के पेशे से की। मौजूदा भारतीय राजनीति में ऐसे कई चेहरे हैं, जो जाने-माने वकील के तौर पर भी अपनी पहचान रखते हैं जैसे- अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद, सुषमा स्वराज, कपिल सिब्बल, राम जेठमलानी, मीनाक्षी लेखी आदि को देखा जा सकता है। दरअसल, कानून के जानकारों की हमेशा से न सिर्फ मांग रही है, बल्कि समाज में एक खास ओहदा भी रहा है। बदलते सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य और नियामक की बढती भूमिका के करण कानून के पेशेवरों की मांग और बढ़ी है।
आर्थिक, राजनितिक और सामाजिक समेत लगभग हर क्षेत्र को कानूनी मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। इस कारण से एक अच्छे पेशे के रूप में कानून की हमेशा से मांग रही है। कह सकते हैं कि किसी का भी काम कानून के पेशेवरों के बिना नहीं चलता। यदि आप भी कानून के क्षेत्र में पेशेवर वकील के तौर पर कैरियर आगे बढ़ाने की चाहत रखते हैं, तो पहले क्लैट परीक्षा पास करनी होगी। इस परीक्षा में सफल होने के बाद आप देश के प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज या विश्वविधालय में प्रवेश पाकर कानून के क्षेत्र में एक बेहतर भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकते हैं। प्रतिष्ठा और कमाई के लिये एक बेहतर कैरियर विकल्प होने के साथ-साथ कानून एक साहसिक और रोमांचक कैरियर है। महात्मा गांधी से लेकर बराक ओबामा तक, शख्सियतों की लंबी फेहरिस्त देखी जा सकती है, जिन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत कानून के पेशे से की। मौजूदा भारतीय राजनीति में ऐसे कई चेहरे हैं, जो जाने-माने वकील के तौर पर भी अपनी पहचान रखते हैं जैसे- अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद, सुषमा स्वराज, कपिल सिब्बल, राम जेठमलानी, मीनाक्षी लेखी आदि को देखा जा सकता है। दरअसल, कानून के जानकारों की हमेशा से न सिर्फ मांग रही है, बल्कि समाज में एक खास ओहदा भी रहा है। बदलते सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य और नियामक की बढती भूमिका के करण कानून के पेशेवरों की मांग और बढ़ी है।
क्लैट क्या है
कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है, जिसके माध्यम से देश के कुछ प्रमुख संस्थानों में लॉ के यूजी एवं पीजी कोर्सेज में प्रवेश मिलता है। हर वर्ष एक अलग-अलग नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी क्लैट आयोजित करती है।
जाने परीक्षा का पैटर्न
अंडर ग्रेजुएट कोर्स : यूजी कोर्स में प्रवेश के लिए आयोजन होनेवाली क्लैट की परीक्षा कुल 200 अंकों में होती है। जिसमें 200 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते है एवं परीक्षा की अवधि दो घंटे रहती है। हर प्रश्न एक-एक अंक का होता है। परीक्षा में इंग्लिश सहित काम्प्रिहेंशन के 40 अंक, जनरल नॉलेज एवं करेंट अफेयर्स के 50 अंक, एलीमेंट्री मैथेमेटिक्स (न्यूमेरिकल एबिलिटी) के 20 अंक, लीगल एप्टीट्यूड के 50 अंक एवं लॉजिकल रिजनिंग के 40 अंक के प्रश्न शामिल किये जाते है। परीक्षा में निगेटिव मार्किंग का प्रावधान है। प्रति एक गलत जवाब पर 0.25 अंक काट लिये जाते है।
पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स : पीजी प्रोग्राम में प्रवेश के लिए ली जानेवाली प्रवेश क्लैट की परीक्षा में कुल 150 अंक बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते है। प्रत्येक प्रश्न एक-एक अंक का होता है। कॉनस्टिटयूशनल लॉ पर 50, जुरिसप्रूडेंस पर 50 एवं लॉ के अन्य विषयों जैसे- कॉन्टेक्ट, टॉर्ट, क्रिमिनल लॉ, इंटरनेशनल लॉ, एन्वायर्नमेंट लॉ एवं ह्यूमन राइट्रस पर 50 प्रश्न होते है। इसमें भी निगेटिव मार्किंग का प्रावधान है। प्रति एक गलत जवाब पर 0.25 अंक काट लिये जाते है।
क्लैट परीक्षा में भाग लेने के लिये योग्यता
अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम (पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएएलएलबी 'ऑनर्स' कोर्स) : क्लैट के माध्यम से अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम में प्रवेश के लिए 10+2 या समकक्ष परीक्षा कम-से-कम 45 प्रतिशत अंकों के साथ पास होना आवश्यक है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए 10+2 में कम-से-कम 40 प्रतिशत अंक होने चाहिए। क्लैट प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी की आयु 20 वर्ष से कम होनी चाहिए।
पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम (एक वर्षीय एलएलएम कोर्स) : क्लैट के माध्यम से पीजी प्रोग्राम में प्रवेश के लिए कम-से-कम 55 प्रतिशत अंकों में एलएलबी या समकक्ष कोर्स की अंतिम वर्ष की परीक्षा देनेवाले हैं या कोर्स पूरा किया हुआ हो। वे ही क्लैट के लिए आवेदन कर सकते हैं। सभी प्रश्न केवल अंग्रेजी भाषा में होते है।
यहां मिलेगा प्रवेश
वर्ष 2008 में शुरू हुए कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) को सात एनएलयू (नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी) ने स्वीकार किया था। आज क्लैट के माध्यम से देश की कुल 18 नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज (एनएलयू) में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम (एलएलबी और एलएलएम) में प्रवेश मिलता है. इसमें शामिल एनएलयू निम्नलिखित हैं-
१. नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआइयू), बेंगलुरू
२. नेशनल एकेडमी ऑफ लीगल स्टडी एंड रिसर्च (एनएलएसएआर) युनिवर्सिटी ऑफ लॉ, हैदराबाद
३. नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी (एनएलआइयू), भोपाल
४. पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय न्यायिक विज्ञान विश्वविधालय (एनयूजेएस), कोलकाता
५. नेशनल लॉ स्कूल यूनिवर्सिटी (एनएलयू), जोधपुर६. हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविधालय (एचएनएलयू), रायपुर
७. गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (जिएनएलयू), गांधीनगर
८. डॉ राममनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविधालय (आरएमएलएनएलयू), लखनऊ
९. राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ (आरजीएनयूएल), पंजाब
१०. चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (सीएनएलयू), पटना
११. नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एडवांस लीगल स्टडीज (एनयूएएलएस), कोच्चि
१२. नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ओड़िशा (एनएलयूओ), कटक
१३. नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ (एनयूएसआरएल), रांची
१४. राष्ट्रीय विधि विश्वविधालय और न्यायिक अकादमी (एनएलयूजेए), असम
१५. दामोदरम संजीवय्या नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (डीएसएनएलयू), विशाखापट्टनम
१६. तमिलनाडु नेशनल लॉ स्कूल (टीएनएनएलएस), तिरुचिरापल्ली
१७. महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (एनएलएसआइयू), मुंबई
१८. महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (एमएनएलयू), नागपुर
कैरियर
लॉ करने के बाद अपनी रूचि एवं विशेषज्ञता के अनुसार कार्य क्षेत्र चुन सकते हैं। किसी क्षेत्र विशेष के वकील या कानून के जानकार के तौर पर कैरियर आगे बढ़ा सकते हैं - सिविल लॉ, साइबर लॉ, पेटेंट अटॉर्नी, फैमिली लॉ, टैक्स लॉ, टैक्सेशन लॉ, लेबर लॉ, इंटरनेशनल लॉ, कॉनस्टिटयूशन लॉ, एडमिनिस्ट्रेशन लॉ, पेटेंट लॉ। आप स्वतंत्र रूप से वकालत की प्रैक्टिस कर सकते हैं। अब सभी बड़ी कंपनियां और बैंक कानूनी सलाहकार नियुक्त करते हैं, आप किसी कंपनी में लीगल एडवाइजर के तौर जॉब कर सकते हैं।
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