एमबीबीएस के बाद दो साल का कोर्स करके एनेस्थेसियोलॉजिस्ट बन सकते हैं.
देश में जितनी तेजी से अस्पताल की संख्या बढ़ रही है और साथ ही साथ एनेस्थेसियोलॉजिस्ट का डिमांड भी बढ़ता जा रहा है। सभी पेशेंट का ऑपरेशन होने से पहले ही डर बना रहता है कि ऑपरेशन के दौरान दर्द तो नहीं होगा। ऑपरेशन के दौरान होने वाले दर्द का अहसास नहीं हो। पेशेंट यह नहीं जानता है कि उसे कैसे बेहोश किया जायेगा और कौन करेगा? मेडिकल साइंस में इस काम को एनेस्थेसियोलॉजिस्ट ही अंजाम देते हैं। अगर आप मेडिकल साइंस में पढ़ाई करने की इच्छा रखते है तो इस क्षेत्र में कैरियर के शानदार स्कोप है।
योग्यता
एनेस्थेसियोलॉजिस्ट बनने के लिए जरुरी है कि आपका शुरू से ही फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी या फिर मैथ्य विषय के साथ पढ़ाई किये हो। दुसरे चिकित्सक की तरह ही एनेस्थेसियोलॉजी के लिए भी प्रशिक्षण की जरुरत होती है। 12वीं के बाद किसी एमबीबीएस कॉलेज में एडमिशन लेने और कोर्स पूरा करने के बाद ही आप एनेस्थेसियोलॉजी में एमडी कर सकते हैं,जो कि यह 2 वर्ष का कोर्स होता है।
एनेस्थेसियोलॉजिस्ट का कार्य
एनेस्थेसियोलॉजिस्ट का काम ऑपरेशन के दौरान एनेस्थेसिया (बेहोशी) देना होता है, ताकि ऑपरेशन दौरान मरीज को दर्द महसूस न हो। दूसरे चिकित्सा विशेषज्ञ के मुकाबले एनेस्थेसियोलॉजी का काम एक टीम वर्क होता है। एनेस्थेसियोलॉजी का टीम डॉक्टर के साथ मिलकर काम करता है। एनेस्थेसियोलॉजिस्ट मरीज को ऑपरेशन के दौरान शांत रखने की कोशिश करते हैं हालांकि वे ऑपरेटिंग रूम (ऑपरेशन होने वाला कक्ष) के बाहर भी काम करते हैं। वे इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसियु) में गंभीर और पुरानी बीमारी से परेशान मरीजों को दर्द के निजात दिलाने में मदद करते हैं।
एनेस्थेटिस्ट का वर्क प्रोफाइल
एनेस्थेटिस्ट एनेस्थेसियोलॉजिस्ट के सुपरविजन में काम करते हैं। इस तरह के प्रोफेशनल्स एनेस्थेसियोलॉजिस्ट असिटेंट होते हैं। शुरू-शुरू में ये मरीज को एनेस्थेसिया (बेहोशी) देने में एनेस्थेसियोलॉजिस्ट की मदद करते हैं। हालांकि, यह पोस्ट डिमांड और जगह पर भी निर्भर करती है।सर्टिफाइट रजिस्टर्ड नर्स भी एनेस्थेसियोलॉजिस्ट असिटेंट में काम करती है. इनका काम दवा देने में एनेस्थेसियोलॉजिस्ट की मदद करना होता है।
एनेस्थेसिया टेक्नीशियन का वर्क प्रोफाइल
इनका काम एनेस्थेसिया के उपकरण का रख-रखाव करना होता है।
कैरियर
देश में हॉस्पिटल की संख्या बढ़ने से एनेस्थेसियोलॉजिस्ट की डिमांड शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी बढ़ने लगी है। इनकी डिमांड क्लिनिक, हॉस्पिटल्स, हेल्थ क्लिनिक आदि में होती है। ज्यादातर एनेस्थेसियोलॉजिस्ट हॉस्पिटल के ऑपरेशन थियेटर, सर्जरी सेंटर, मेडिकल ऑफिस, डेंटल क्लिनिक आदि जगहों पर काम करते हैं। एनेस्थेसियोलॉजिस्ट खुद का हेल्थ क्लिनिक खोल सकते है।
सैलरी पैकेज
इस फील्ड में सैलरी पाना कार्य अनुभव और वर्क प्लेस पर भी डिपेंड करता है। आमतौर पर एनेस्थेसियोलॉजिस्ट की सैलरी 25-30 हजार रुपये प्रतिमाह होती है। हालांकि यह मेडिकल ऑर्गेनाइजेशन पर भी निर्भर है। ख्याति प्राप्त एनेस्थेसियोलॉजिस्ट की कमाई प्रति घंटे के हिसाब से भी होती हैं।
संस्थान
१. वेदेही इंस्टीट्युट ऑफ डेंटल साइंस एंड रिसर्च सेंटर, बेंगलुरू
२. वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरगंज हॉस्पिटल, दिल्ली
३. एसवीएस मेडिकल कॉलेज, महबूबनगर, आंध्र प्रदेश
४. एमवीजे मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च हॉस्पिटल, बेंगलुरू
५. इंदिरा गांधी इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल साइंस, पटना, बिहार
६. अमृता इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल साइंस, कोच्चि, केरला७. आरजी कार मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, कोलकाता, वेस्ट बंगाल
८. एन. एच. एल. म्यूनिसिप्ल मेडिकल कॉलेज, अहमदाबाद, गुजरात
९. श्रीराम चंद्र भांज मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, कटक, ओडिशा
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