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Showing posts from February, 2017

एमबीबीएस के बाद दो साल का कोर्स करके एनेस्थेसियोलॉजिस्ट बन सकते हैं.

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देश में जितनी तेजी से अस्पताल की संख्या बढ़ रही है और साथ ही साथ एनेस्थेसियोलॉजिस्ट का डिमांड भी बढ़ता जा रहा है। सभी पेशेंट का ऑपरेशन होने से पहले ही डर बना रहता है  कि ऑपरेशन के दौरान दर्द तो नहीं होगा। ऑपरेशन के दौरान होने वाले दर्द का अहसास नहीं हो। पेशेंट यह नहीं जानता है कि उसे कैसे बेहोश किया जायेगा और कौन करेगा? मेडिकल साइंस में इस काम को एनेस्थेसियोलॉजिस्ट ही अंजाम देते हैं। अगर आप मेडिकल साइंस में पढ़ाई  करने की इच्छा रखते है तो इस क्षेत्र में कैरियर के शानदार स्कोप  है। योग्यता एनेस्थेसियोलॉजिस्ट बनने के लिए जरुरी है कि आपका शुरू से ही फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी या फिर मैथ्य विषय के साथ पढ़ाई किये हो। दुसरे चिकित्सक की तरह ही एनेस्थेसियोलॉजी के लिए भी प्रशिक्षण की जरुरत होती है। 12वीं के बाद किसी एमबीबीएस कॉलेज में एडमिशन लेने और कोर्स पूरा करने के बाद ही आप एनेस्थेसियोलॉजी में एमडी कर सकते हैं,जो कि यह 2 वर्ष का कोर्स होता है। एनेस्थेसियोलॉजिस्ट का कार्य एनेस्थेसियोलॉजिस्ट का काम ऑपरेशन के दौरान एनेस्थेसिया (बेहोशी) देना होता है, ताकि ऑपरेशन द...

विदेशी भाषा की पढ़ाई करने से कई क्षेत्र में कैरियर के रास्ते खुलते हैं.

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अगर आप विदेशी भाषा (Foreign Language)का पढाई करके कैरियर बनाना चाहते है तो वर्तमान में, इसमें कैरियर की अपार संभावनाएं विकसित हो रही है. अब वह जमाना गया कि हिंदी और अंग्रेजी भाषा के जानकार लोगों का सिर्फ कैरियर ब्राइट होता था. विदेशी भाषा में कैरियर बनना अपने-आप में ही मजा है और आकर्षक भी है. इस क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिये जो भी कोई एक विदेशी भाषा चुनकर उसमें अच्छी पकड़ रखना एवं उस भाषा में संवाद करना अच्छी तरह जानना और इसमें अच्छी पकड़ पाने के लिए भावनात्मक रूचि भी होना भी बहुत जरुरी है. कई भाषाओँ का संवाद कर पाना अपने-आप में एक खास प्रतिभा मना जाता है. जो लोग कई भाषाएं जानते है उन्हें कैरियर बनाने के लिए बेहतर मौके मिल सकते है. अब जाने विस्तार से - आप कुछ भाषाओँ जैसे जर्मन, जापानी, स्पेनिश, चीनी, फ्रेंच में से कोई एक भाषा चुनकर उसका पढाई कर सकते है, जो कि भारत में इसकी ज्यादा मांग है. उसमें अपना भविष्य बना सकते है. भारत में विदेशी भाषा का कोर्स करने के लिए कुछ प्रमुख विश्वविधालय है - जवाहर लाल नेहरू विश्वविधालय (जेएनयू), दिल्ली विश्वविधालय (डीयू), पांडिचेरी विश्वविधालय, पा...

आप कठिन जिंदगी से कैसे निजात पा सकते हैं?

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How to made easy of your difficult life? हम सभी लोग एक इंसान बनना चाहते है और दुसरे लोगों के साथ भी अच्छा करना चाहते है. अक्सर हम ऐसा इसलिए सोचते हैं, क्योंकि हम अपनी छवि दूसरों के नजर में अच्छा बनना चाहते है ताकि लोग हमें सम्मान करें. यहीं सोच-सोच कर हम अपनी जिंदगी को कठिन बना देते है, जब हम अपने असंभव और मुश्किल भरे लक्ष्य को अपना लेते है और उसे पाने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करने लगते है. हम अपने स्कूल और कॉलेज में प्रथम स्थान आने की कोशिश करते है.यह करना एक कठिन कार्य होता है और 100 में से 99 प्रतिशत विधार्थी ऐसा करने में असफल हो जाते है, क्योंकि प्रथम तो कोई एक ही आ सकता है. हमें एक धनी व्यक्ति बनना है चूकी हमने एक कठिन लक्ष्य तय कर लिया है और ऐसा पूरा करने के लिये अपना जीवन का सारा अनमोल वक्त गुजार देते है. जो बीते हुए वक्त में जो हमने कष्ट झेला वो तो कभी लौट कर नही आ सकता है. देखिए, मुश्किल भरे लक्ष्य को पार पाने के लिए सामना करना कोई बुरी बात नहीं है. हमें इसके लिए अपने आप को चुनौती जरुर देना चाहिए और आने वाले बाधाओं को तोड़ कर आगे बढ़ना चाहिए. इस तरह हम चुनौतियों से पार...

मेडिकल के क्षेत्र में क्लिनिकल/ मेडिकल लेबोरेट्री टेक्नीशियन बनना एक बेहतर कैरियर

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क्लिनिकल लेबोरेट्री टेस्ट के माध्यम से डॉक्टर्स को बीमारियों का पता लगाने में आसानी होती है तथा उसके इलाज करने के तरीकों में मदद मिलती है। मेडिकल साइंस क्या है? (What is Medical Science in Hindi) मेडिकल साइंस एक तरह का ऐसा माध्यम है या हम एक वरदान मान सकते है, जिसने न जाने कितने लोगों को स्वास्थ्य में सुधार लाने एवं जीवन दान देने का काम किया है ।  इसी मेडिकल साइंस का एक भाग होता है- क्लिनिकल लेबोरेट्री टेक्नीशियन   या   इसको दुसरे रूप में मेडिकल लैब टेक्नीशियन के नाम से भी जानते है ।   इसके तहत डायग्नोसिस से लेकर बीमारियों की रोकथाम और उपचार क्लिनिकल लेबोरेट्री टेस्ट के माध्यम से किया जाता है ।  मेडिकल लैब के अन्दर बॉडी फ्लूड्स, टिसू, केमिकल एनालिसिस, ब्लड टाइपिंग, माइक्रो ऑर्गेनिज्म स्क्रिनिंग एवं ह्यूमन बॉडी का सेल काउंटिंग आदि टेस्ट शामिल है तथा टेक्नीशियन इसका विश्लेषण भी करते हैं ।  क्लिनिकल लेबोरेट्री टेस्ट के माध्यम से बीमारी की उपस्थित, अनुपस्थिति एवं इससे होने वाले प्रभाव का पता लगाया जाता है । विस्तार से कार्य के बारे में जानकारी...

आप रेडियो स्टेशन और टेलीविजन चैनल में ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कैसे बन सकते हैं?

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क्या है ब्रॉडकास्टिंग मास कम्युनिकेशन (What is Broadcasting Mass Communication in Hindi) ब्रॉडकास्टिंग मास कम्युनिकेशन यानी  प्रसारण जनसंचार  का ऐसा साधन होता है, जो ऑडियो और वीडियो सामग्री को रेडियो तरंगों के माध्यम से प्रसारित करने में सहायता करता है। टेलीविजन और रेडियो दोनों ऐसा ही प्रमुख माध्यम है जिसके जरिये हम अपने विचार या कोई प्रोग्राम को जन-जन तक प्रसारित करते है। जिसमें ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम का उपयोग होता है। कोई भी प्रोग्राम जो हम टीवी पर देखते हैं या रेडियो पर सुनते हैं, वह यूजर तक प्रसारित करने से पहले कई चरणों जैसे -  ऑडियो या वीडियो   को  एक्विजिशन, प्रोडक्शन, ट्रांसमिशन और रिसेप्शन आदि से होकर गुजरता है। प्रोग्राम के प्रस्तुतीकरण की प्रक्रिया में कई प्रकार के इलेट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग होता है। देश में स्थापित चैनल/ नयें चैनल के विस्तारण से एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री रेडियों चैनल और टीवी चैनल में ब्रॉडकास्टिंग इंजीनियर में कैरियर के नए विकल्प खुले हैं । आगे जाने विस्तार से ; ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का ही एक भाग होता ...

कैसे आप बना सकते है कानून के क्षेत्र में बेहतर कैरियर

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कानून के क्षेत्र में कैरियर आर्थिक, राजनितिक और सामाजिक समेत लगभग हर क्षेत्र को कानूनी मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। इस कारण से एक अच्छे पेशे के रूप में कानून की हमेशा से मांग रही है। कह सकते हैं कि किसी का भी काम कानून के पेशेवरों के बिना नहीं चलता। यदि आप भी कानून के क्षेत्र में पेशेवर वकील के तौर पर कैरियर आगे बढ़ाने की चाहत रखते हैं, तो पहले क्लैट परीक्षा पास करनी होगी। इस परीक्षा में सफल होने के बाद आप देश के प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज या विश्वविधालय में प्रवेश पाकर कानून के क्षेत्र में एक बेहतर भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकते हैं। प्रतिष्ठा और कमाई के लिये एक बेहतर कैरियर विकल्प होने के साथ-साथ कानून एक साहसिक और रोमांचक कैरियर है। महात्मा गांधी से लेकर बराक ओबामा तक, शख्सियतों की लंबी फेहरिस्त देखी जा सकती है, जिन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत कानून के पेशे से की। मौजूदा भारतीय राजनीति में ऐसे कई चेहरे हैं, जो जाने-माने वकील के तौर पर भी अपनी पहचान रखते हैं जैसे- अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद, सुषमा स्वराज, कपिल सिब्बल, राम जेठमलानी, मीनाक्षी लेखी आदि को देखा जा सकता है। दरअसल, कानून के जान...

कैसे चार हफ्ते का कोर्स कर के बन सकते है फूड एक्सपर्ट

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कुछ दिन पहले पुरे देश में नूडल्स को लेकर न्यूज में धमाल मचा हुआ था। कहा जा रहा था कि फास्ट फूड यानि नूडल्स में स्वास्थ्य को हानि पहुंचाने वाले तत्व हैं. बाद में सरकार ने इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। हम अक्सर खान-पान सेवाओं की खबरों को देखते और सुनते है, लेकिन हम कभी नहीं सोचते है कि खान-पान के उत्पाद में जो धोखे दिये जाते हैं. उसका पता कैसे लगाया जाता है और कैसे इस धोखाधड़ी को सबके समक्ष रखा जाता है। फूड इंडस्ट्री दुनिया का सबसे अधिक व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक माना जाता है और प्रत्येक लोगों के लिए यह उपयोगी है। वैश्वीकरण (Globalization) के इस दौर में सप्लाई चेन का कॉन्सेप्ट काफी बढ़ा है और ऐसे में किस चीज से क्या बन रहा है, इसकी जांच करना काफी चुनौती भरा काम हो गया  है।  हम जो खाध पदार्थ खा रहे हैं, उसमें किस तरह के तत्वों का मिलावट किया गया  है। यह जानना जरूरी होता है क्योंकि हम सही खाध पदार्थ अपनायेंगे तभी तो हमारा स्वास्थ्य सही बना रहेगा। कोर्स विषय पर जानकारी  बड़े पैमाने पर ओपन ऑनलाइन कोर्स मुहैया करने वाले प्लेटफॉर्म फ्यूचरलर्न (Future Lea...

फॉरेन ट्रेड यानी विदेशी व्यापार के क्षेत्र में कैरियर

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फॉरेन ट्रेड यानी विदेशी व्यापार वह आर्थिक क्षेत्र होता है, जहां एक-दूसरे राष्ट्रों के बीच वस्तुओं और सेवाओं के आदान (एक्स्चेंज) - प्रदान (डेलीवरी) की व्यवस्था होती है। इसके द्वारा अपने देश में वस्तुओं और सेवाओं का आयात (इंपोर्ट) किया जाता है और दूसरे देशों को अपनी वस्तुएं व सेवाएं निर्यात (एक्सपोर्ट) किया जाता है। दोस्तों आज हमारा देश भारत पूरे विश्व में अपने व्यापारिक संबंधो को बढ़ा रहा है। मै आपको बता दूं, आज भारत लगभग 190 देशों में अपनी वस्तुओं और सेवाएं निर्यात (एक्सपोर्ट) करता है और लगभग 140 देशों से आयात (इंपोर्ट) करता है। देश आजादी के बाद हमारे निति-निर्माताओं को विदेशी व्यापार के फायदे का समझ आया. उसी समय से विदेशी व्यापार को व्यवस्थित तरीके से बढ़ाने का प्रयास होने लगा. फिर 1990 के दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की नीतियों में बदलाव होने से भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ने लगा और पूरा विश्व ही हमे ग्लोबल मार्केट नजर आने लगा. विदेशी व्यापार करने का एक मात्र मकसद भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्व में तेजी से विकास करती अर्थव्यवस्था बनाना आज के युवाओं ने बाजार को अध...

एमबीबीएस के आगे पढाई करके बन सकते है न्यूरोलॉजिस्ट

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आज के भाग-दौर की जिंदगी में लोगों को कार्यालय में काम-काज के टेंशन एवं घर में पारिवारिक टेंशन से देश में दिमाग संबंधी बीमारियां (Brain Disease) लगातार बढ़ रही हैं। यहां तक कि बच्चों में भी माता-पिता के द्वारा पढाई के लिए लगातार दवाब बनाने के कारण दिमाग संबंधी बीमारियां देखा जा सकता है।ऐसा अनुमान लगाया है कि 2025 तक इनमें 22-25 फीसदी तक इजाफा हो सकता है।  वर्ष 2012 में पब्लिस हुए एक सर्जन के अनुसार भारत में सिर्फ 1100 न्यूरोलॉजिस्ट हैं।  इससे न्यूरोलॉजिस्ट के नौकरियों के अवसर खुल रहे है हालांकि न्यूरोलॉजी में स्पेशलाइजेशन हासिल करने के लिए छात्रों या छात्राओं को एमबीबीएस के बाद 6 साल का पढाई करना होता है। इसके के बारे में जाने विस्तार से ; न्यूरोलॉजी शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्दों से मिलकर बना है - न्यूरॉन और लॉजिया। न्यूरॉन का अर्थ होता है नर्व और लॉजिया का अध्ययन करना। यानि मानव शरीर के नर्वस सिस्टम के अध्ययन को न्यूरोलॉजी कहा जाता है। न्यूरोलॉजी मेडिसिन की स्पेश्लाइज्ड ब्रांच है. जिसमें दिमाग संबंधित टिश्यु और मांसपेशियों में होने वाली बीमारियों के बारे में अध्ययन किय...

आर्किटेक्ट के क्षेत्र में संवारें अपना भविष्य

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भारत बहुत तेजी से विकास की ओर अग्रसर है। देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास को लेकर बड़ी-बड़ी परियोजनाएं चलाई जा रहीं हैं। इससे इमारतें, मॉल, बांध व अन्य परियोजना के निर्माण कार्य एवं डिजाइनिंग हेतु कंपनियों को आर्किटेक्चर की जरुरत पड़ती हैं। यदि आपकों बड़ी-बड़ी इमारतें आकर्षित करती है और संरचना/ बनावट को समझनें में रूचि रखते हैं। वैसे छात्र आर्किटेक्चर बन कर अपना कैरियर संवार सकते हैं। निर्माण कार्य से जुड़ी कल्पनाओं को आयाम देनेवाला यह क्षेत्र रोजगार के ढ़ेरों अवसर प्रदान करता है।    कैरियर की संभावनाएं  आर्किटेक्ट्स के लिए प्राइवेट व पब्लिक दोनों ही सेक्टर में आगे बढ़ने की संभावनाएं हैं। एक आर्किटेक्ट पब्लिक सेक्टर में जहां लोक निर्माण, सिचाई, स्वास्थ्य जैसे विभागों में नौकरी कर सकता है। वही सरकारी सेक्टर में आर्कियोलॉजिकल डिपार्टमेंट, मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस, डिपार्टमेंट ऑफ रेलवे, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग कंपनी, नेशनल बिल्डिंग ऑर्गनाइजेशन, टाउन एवं प्लानिंग ऑर्गनाइजेशन, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स, नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन, सिटी डेवलपमेंट अथॉरिटी आदि में ...

जल संसाधन प्रबंधन में संवारें अपना कैरियर

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जल का हमारे जीवन से गहरा संबंध है, इसलिए कहा गया है कि जल ही जीवन है । जिस तरह से पुरे विश्व में पानी का उपयोग हो रहा है, ऐसा अनुमान लगाया गया है कि एक दिन पानी के लिए हाहाकार मचेगा । जल संकट आज एक वैश्विक समस्या बन चूका है । इसी समस्या को देखते हुए दुनियां भर में जल संरक्षण को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और प्रयास बढ़े है । दुनिया के सभी देशों में जल संसाधन के प्रबंधन एवं विकास के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर काम हो रहा है. इसके साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं, जानें विस्तार में ; भारत में शहरीकरण (urbanization), औधोगीकरण (industrialization)और ग्लोवल वार्मिंग के क्षेत्रों में तेजी से काम हो रहा है, उसमें से एक जल संसाधन का क्षेत्र भी आता है। अगर समय रहते जल प्रबंधन एवं संचयन को लेकर सजग नहीं हुए तो आने वाले वर्षो में पूरी दुनिया को जल संकट से जूझना होगा। इसके प्रति वैश्विक स्तर पर चिंता दिखाई देने लगी है। सरकारी एवं गैर सरकारी स्तर पर बड़े पैमाने पर जल संरक्षण, प्रबंधन एवं विकास के क्षेत्र में काम हो रहा है।  भारत सरकार के Ministry of Water Re...

क्वालिटी अश्योरेंस मैनेजमेंट के कोर्स कर के ब्रांडेड प्रोडक्ट उत्पादक कंपनी मे बनाये कैरियर

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भारत तेजी से विकास की ओर अग्रसर है। गाँव भी शहर में बदल रहा है। देश में मध्यवर्गीय समाज की तेजी से  हो रहे समृद्धि के कारण उनके रहन-सहन में भी बदलाव हो रहे है। आजकल लोगों में ब्रांडेड उत्पादों की मांग भी बढ़ रही है और कंपनियों के लिए उत्पादों की बेहतर गुणवत्ता देने के लिए क्वालिटी अश्योरेंस मैनेजर को नौकरी पर रखना भी जरूरी हो गया है। क्योकि कोई भी कंपनी की सफलता के लिए उत्पाद की अच्छी क्वालिटी देना ही उनको ब्रांडेड बनाती है। इस तरह आप क्वालिटी अश्योरेंस मैनेजमेंट का पढ़ाई कर के वेहतर  कैरियर का विकल्प चुन सकते है।  व्यवसाय को सफल बनाने के तरीके  किसी भी प्रकार का व्यवसाय (Business) तभी सफल माना जाता है, जब उनके बाजार में बिक्री (Selling) कितनी हो रही है, उसे प्रोडक्ट तैयार करने में मैनूफैक्चरिंग रेट के अलावा कितना प्रतिशत का मुनाफा हो रहा है। हमारा प्रोडक्ट का पहुंच ग्राहकों तक कितनी है। व्यवसाय (Business) में उत्पाद आधारित प्रोडक्ट की क्वालिटी देना और इसे मैनेज करना महत्वपूर्ण होता है। क्वालिटी असयोरेंस को सरल भाषा में समझे तो यह एक प्रक्रिय...

12 वीं पास युवा/युवतियों के लिए बीपीओ-केपीओ (BPO-KPO) के साथ कैरियर

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भारत देश मे युवाओं के लिए रोजगार बहुत बड़ी समस्या बन गयी है। बदलते हुए भारत देश में बीपीओ-केपीओ (BPO-KPO)युवाओं को करियर के राह प्रदान कर रहा है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जो युवाओं को देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बेहतरीन बेतनमान पर काम करने का मौका प्रदान करता है। कंपनियां भारतीय युवाओं द्वारा विशेष पैकेज के साथ नौकरी पर रख कर उनसे विभिन्न देशों मे बैठे अपने ग्राहको को सेवा प्रदान करता है। ये कंपनियां भारतीय संसाधनों (resources) द्वारा डाटा इंट्री, मेडिकल ट्रांसकृप्शन, कंटेंट राइटिंग, अभियांत्रिकी सेवा, वेब डेवलपमेंट, प्रकाशन, विपणन (मार्केटिंग), एचआर व वित्तीय सेवा जैसे कार्य कराती है। बीपीओ क्या है ? बीपीओ एक प्रकार का आउटसोर्सिंग (Outsourcing) प्रक्रिया है, जिसमें तीसरा पक्ष (Third Party) सेवा प्रदाता से संचालन एवं विशिष्ट व्यवसाय प्रक्रिया (Unique Business Process) की जिम्मेदारियों पर खड़े उतरने के लिए करार (Agreement) होता है। भारत में आउटसोर्सिंग प्रक्रिया से कार्य होने के मामले में अव्वल नंबर पर आता है। बीपीओ सर्विस सामान्यतः दो भागों मे वर्गीकृत होता है। (i) फ्...